पिपरा प्रखंड में रहा रक्षाबंधन की धूम
पिपरा (पलामू): पलामू जिले के पिपरा प्रखंड में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से लोगों ने मनाया । रक्षाबंधन में बहन ने भाई के कलाई पर रक्षा करने वाले बांधे जाने वाला पवित्र धागा रक्षाबंधन कहलाता है यह पवित्र पर्व सावन शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है । इस दिन बहनें अपने भाई की रक्षा के लिए उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है और भाई बहनों को जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं । भाई बहनों के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन इस वर्ष 30 और 31 अगस्त दोनों दिन मनाया गया रक्षाबंधन मनाने से भाई-बहन दोनों को दीर्घायु की प्राप्ति होती है । रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा नक्षत्र के चलते दो तिथियां में बंटा रहा । कुछ लोगों ने भद्रा के चलते 30 अगस्त की रात को त्योहार मनाया तो कुछ लोग 31 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया । इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती है । वैसे तो रक्षाबंधन का त्योहार से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित है मगर सबसे रोचक पांच ऐतिहासिक और पौराणिक कहानियां जिन्हें इस त्योहार की शुरुआत भी माना जाता है । रक्षाबंधन की सबसे पहली कहानी सबसे ज्यादा प्रचलित है ।आचार्य पंडित बताते हैं की महाभारत के समय एक बार भगवान कृष्ण की उंगली में चोट लगी थी और उसमें खून बहने लगा था यह देखकर द्रोपदी ने उन्हें आंचल का पल्लू फाड़ कर उनकी कटी अंगुली में बांध दिया । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन से रक्षा सूत्र या राखी बांधने की परंपरा शुरू हुई जब द्रोपदी का चीर हरण किया जा रहा था तब श्री कृष्ण ने ही उनकी लाज बचाकर सबसे उनकी रक्षा की थी
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