नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय की स्थापना से पलामू प्रमंडल में उच्च शिक्षा के दायरे का हुआ विस्तार : माननीय राज्यपाल*
नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय की स्थापना होने से पलामू प्रमंडल में उच्च शिक्षा के दायरे का विस्तार हुआ है। एम०बी०ए, एम०सी०ए, इंजीनियरिंग, एम०बी०बी०एस०, एल०एल०बी०, नर्सिंग व फार्मेंसी जैसे पाठ्यक्रम इस विश्वविद्यालय में उपलब्ध है। यह प्रसन्नता का विषय है कि आज हमारे शिक्षण संस्थानों में पहले से कहीं अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, लेकिन हमें शिक्षा की गुणवत्ता पर अब भी ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। यह बातें माननीय राज्यपाल झारखंड सह विश्वविद्यालयों के कुलपति श्री रमेश बैस ने कही। वे आज पलामू के नीलाम्बर- पीताम्बर विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर बोल रहे थे। कार्यक्रम जीएलए कॉलेज मैदान के दीक्षांत मंडप में आयोजित था।
*उपाधि ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को बधाई*
राज्यपाल ने सर्वप्रथम, दीक्षांत समारोह के ऐतिहासिक एवं पुनीत अवसर पर सभी उपाधि ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को शुभकामनाएँ एवं बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही अभिभावकों एवं शिक्षकों को भी बधाई दिया, जिनके अथक प्रयास से उन्हें यह सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि यहाँ से विद्यार्थियों के जीवन की कसौटी आरंभ होती है। आपका सुनहरा भविष्य प्रतीक्षा कर रहा है। अब आपको जीवन में अपना मार्ग स्वयं ढूँढ़ना और बनाना है। राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय परिवार को भी बधाई दिया। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन में विशेष महत्व रखता है। यह उनके जीवन का यादगार और मूल्यवान पल होता है। उनकी ने कहा कि भविष्य में विश्वविद्यालय द्वारा समय पर दीक्षांत समारोह आयोजित किये जाते रहें, ताकि विद्यार्थियों को समय पर डिग्री मिल सके।
राज्यपाल ने कहा कि सन᳭ 2009 में स्थापित एनपीयू ने विगत 12 वर्षों की यात्रा में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ अर्जित की है। इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने सिर्फ अकादमिक क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि खेलकूद सहित अन्य क्षेत्रों में भी राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियाँ हासिल की है। इसके लिए वर्तमान एवं पूर्व के सभी कुलपति, शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी एवं अधिकारी बधाई के पात्र हैं। विश्वविद्यालय को इसी तरह उच्च शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रतिबद्धता के साथ सदा क्रियाशील रहना चाहिए।
यह विश्वविद्यालय महान स्वतंत्रता सेनानी नीलाम्बर एवं पीताम्बर के नाम पर स्थापित है, जिन्होंने अपने अदम्य साहस एवं पराक्रम से अंग्रेजी शासन का डटकर सामना किया। उनकी राष्ट्रभक्ति एवं वीरता को तथा उनकी शहादत को शत-शत नमन करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पलामू की यह धरती, जिसने ऐसे वीर सपूतों को जन्म दिया। उनका महान व्यक्तित्व पूरे झारखंड व पलामू की पहचान को जीवंतता प्रदान करता है और विद्यार्थियों को कर्तव्यनिष्ठा और अपने देश के प्रति समर्पित होने की प्रेरणा देता है। *यहाँ के युवाओं को नीलाम्बर-पीताम्बर जैसे महान विभूतियों से प्रेरणा लेते हुए समाज एवं राष्ट्रहित में कार्य करने के लिए हमेशा उत्साहित रहना चाहिए।*
*उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत*
राज्यपाल ने कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध हो, यह विश्वविद्यालय को सुनिश्चित करना होगा। विद्यार्थी विभिन्न प्रतिस्पर्धा में सफलता हासिल करें, इसके लिए विश्वविद्यालय को उन्हें प्रोत्साहित करना होगा। प्रतियोगिता के इस युग में अपनी प्रतिभा से विद्यार्थियों को उत्कृष्टता हासिल करनी होगी। ज्ञान ही सबसे महत्वपूर्ण पूँजी है। हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने वाला व्यक्ति ही इस दौर की चुनौतियों का सामना कर सकेगा।
विश्वविद्यालय के अंतर्गत पांच अंगीभूत एवं 32 सम्बद्ध महाविद्यालय/संस्थान संचालित हैं। छात्राओं के अध्ययन की सुविधा हेतु दो महिला कॉलेज की व्यवस्था है, जिसमें सुदूर क्षेत्रों की छात्राएं भी आकर पढ़ती हैं। आशा है कि इस विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर विद्यार्थी अपनी योग्यता के आधार पर देश-विदेश में भी अपनी पहचान बना पाएंगे और अपने लिए स्वर्णिम भविष्य का निर्माण कर सकेंगे।
राज्यपाल ने प्रसन्नता जताया कि नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रमों को अद्यतन करते हुए स्नातक स्तरीय कक्षाओं में विद्यार्थियों का नामांकन लिया गया है। नव स्थापित महाविद्यालयों में पठन-पाठन प्रारम्भ किया गया है। विश्वविद्यालय के द्वारा अपने कुलगीत को भी हाल ही में अंगीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि *जिज्ञासा, उत्साह और सतर्कता के साथ अपने ज्ञान, कौशल और बुद्धि का सदैव विकास करने वाले व्यक्ति के लिए हमेशा अपार अवसर उपलब्ध होते हैं।* शिक्षा राष्ट्र के आर्थिक-सामाजिक विकास का शक्तिशाली साधन है। ज्ञान से ही वास्तविक सशक्तिकरण आता है।
*शोध में में दिखे विद्यार्थियों में निहित इनोवेटिव आईडिया*
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध के महत्व को समझते हुए इसके स्तर को उच्च करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। शोध में हमारे विद्यार्थियों में निहित इनोवेटिव आईडिया दिखना चाहिए, ताकि समाज को उसका लाभ मिले।
*स्वस्थ एवं श्रेष्ठ समाज के निर्माण में विद्यार्थी दें अपना बहुमूल्य योगदान*
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में उपस्थित उपाधि ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ज्ञान रूपी अमृत को पाकर आप न केवल अपने कैरियर को प्रशस्त करें, बल्कि स्वस्थ एवं श्रेष्ठ समाज के निर्माण में भी अपना बहुमूल्य योगदान दें। विद्यार्थी अपनी रचनात्मक क्षमता से विषम परिस्थितियों और आपदाओं का सामना कर सके। उन्होंने *नेल्सन मंडेला के शब्दों में कहा कि* शिक्षा वह सर्वाधिक शक्तिशाली अस्त्र है, जिसके उपयोग से हम पूरी दुनिया की तस्वीर बदल सकते हैं। गरीबी, भूखमरी, बीमारियाँ, शोषण, हिंसा एवं अशांति अज्ञानता के कारण एवं शिक्षा के अभाव में पनपती है। हमारे विद्यार्थी अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़े। स्वामी विवेकानन्द जी के शब्दों में, उठो ! जागो ! और तब तक मत रूको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।
*शिक्षा सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम, महिला सशक्तिकरण सामाजिक विकास के लिए जरूरी*
राज्यपाल ने प्रसन्नता जताया कि 130 मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में से 86 छात्राएं तथा 44 छात्र शामिल हैं। महिला सशक्तिकरण सामाजिक विकास के लिए जरूरी है। शिक्षा सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है। खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और विभिन्न क्षेत्रों में सफलता का परचम लहरा रही हैं। यह भविष्य के विकसित भारत कि सुनहरी तस्वीर प्रस्तुत करता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण भी उतना ही जरूरी है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनुसार, चरित्र के बिना ज्ञान बुराई को पनपने की शक्ति देता है। चरित्रवान युवा ही देश के भविष्य हैं। विद्यार्थियों को अपने जीवन व व्यवहार में विनम्रता, नैतिकता एवं अनुशासन को महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिए। यह सुखद तथ्य है कि भारत युवाओं का देश है और हमें अपनी युवा शक्ति पर गर्व है।
*शिक्षण संस्थान के लिए विद्यार्थी ही ब्रांड एम्बेसेडर*
राज्यपाल ने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए उसके विद्यार्थी ही उसकी पूँजी और ब्रांड एम्बेसेडर होता है। हमारा दायित्व सिर्फ विद्यार्थियों को किताबों तक सीमित रखना, उन्हें डिग्रियाँ बाँटने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उनमें चेतना जागृत कर जीवन में बेहतर करने की भूख जगाना, उनकी प्रतिभा को उभारना, उनमें आत्मनिर्भरता पैदा करना और उन्हें एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व देना होना चाहिए।
राज्यपाल ने सभी विद्यार्थियों में उत्साह भरते हुए कहा कि विद्यार्थियों के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है। उनके स्वर्णिम एवं सुंदर भविष्य की शुभकामना देते हुए उनसे अपेक्षा किया कि वे राष्ट्रनिर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान देंगे।
*अपने रचनात्मक कार्यों से राष्ट्र निर्माण एवं नए भारत के निर्माण में अपेक्षित सहयोग दें विद्यार्थी -कुलपति*
नीलंबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुलपति प्रो.डॉ. राम लखन सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने कहा कि दितीय दीक्षांत समारोह में वर्ष 2017, 2018, 2019 एवं 2020 के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की जा रही है। इनमें से 2017 में 16685 विद्यार्थी 2018 में 21579 विद्यार्थी, 2019 में 11374 विद्यार्थी तथा 2020 में 11757 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। उन्होंने कहा कि 4 शैक्षणिक वर्ष 2017 से 2020 में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या 61395 है,जिनमें से 33594 छात्र एवं 27801 छात्राएं शामिल हैं। *130 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक तथा 21 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की जा रही है।* उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों में 36 नवनियुक्त शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण किया है। उन्होंने शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के रिक्त पदों पर शीघ्र बहाली की आशा जताई है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील किया है कि अपने रचनात्मक कार्यों से राष्ट्र निर्माण एवं नए भारत के निर्माण में अपेक्षित सहयोग दें।
कुलपति ने उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी साथ ही कहा कि उनकी मेधा उनकी प्रतिभा को आज सम्मानित करने का दिन है उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्राओं की संख्या लगातार विभिन्न पाठ्यक्रमों में बढ़ रही है जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की गतिविधि में गतिशीलता एवं सक्रियता आई है।
*स्मारिका का विमोचन*
राज्यपाल ने नीलांबर- पीतांबर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय की स्मारिका का लोकार्पण किया।
*शहीद लेफ्टिनेंट अनुराग शुक्ला के माता-पिता को किया गया सम्मानित*
नीलांबर- पीतांबर विश्वविद्यालय की ओर से राज्यपाल श्री रमेश बैस ने शहीद लेफ्टिनेंट अनुराग शुक्ला के माता उषा शुक्ला -पिता जितेन्द्र कुमार शुक्ला को सम्मानित किया। अनुराग ने विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करते हुए अर्थशास्त्र विषय में वर्ष 2017 उत्तीर्णता हासिल की थी। वे इस विषय में टॉपर रहे थे।
*आयुक्त, उपायुक्त, कुलपति ने किया स्वागत*
माननीय राज्यपाल श्री रमेश बैस को पलामू में नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह स्थल पर पहुंचने पर आयुक्त जटा शंकर चौधरी, उपायुक्त ए. दोड्डे नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. राम लखन सिंह आदि ने स्वागत किया। साथ ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
कार्यक्रम में आयुक्त जटा शंकर चौधरी, उपायुक्त ए.दोड्डे, पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा, कुलपति डॉ. राम लखन सिंह, उप विकास आयुक्त मेघा भारद्वाज, प्रति कुलपति, अपर समाहर्ता सुरजीत कुमार सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. राकेश कुमार, सीसीडीसी डॉ. एके पांडेय सहित अन्य अधिकारी, विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर, छात्र-छात्राएं एवं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थीगण उपस्थित थे।
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